निर्भया का गुनहगार फिर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, दायर की पुनर्विचार याचिका

निर्भया के गुनहगार फांसी के फंदे पर चढ़ने से बचने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। अब दोषियों की ओर से अपनी फांसी से महज चंद घंटे पहले एक और पेंच लगाने की कोशिश की गई है। दोषी पवन गुप्ता फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।पवन गुप्ता की ओर से अपराध के समय खुद के नाबालिग होने की दलील खारिज करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है। साथ ही डेथ वारंट को रद्द करने की भी मांग की गई है। इससे पहले 20 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पवन गुप्ता की याचिका को खारिज किया था। अपराध के समय पवन ने नाबालिग होने का दावा किया था। पवन गुप्ता के वकील एपी सिंह ने कहा था कि इस मामले में बहुत बड़ी साजिश रची गई है। दिल्ली पुलिस ने जानबूझकर पवन की उम्र संबंधी दस्तावेजों की जानकारी छिपाई है। वारदात के वक्त पवन की उम्र 17 साल, 1 महीने और 20 दिन थी। दोषी पवन के पास अभी दोनों विकल्प क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका बचे हैं। वही दूसरी ओर, निर्भया के हत्यारों को फांसी पर टांगने के लिए लिए कल गुरुवार को पवन जल्लाद तिहाड़ जेल पहुंच गया। निर्भया के चारों दोषियों को फांसी पर लटकाने की तारीख के दूसरी बार टलने के पूरे आसार बन रहे हैं लेकिन तिहाड़ प्रशासन ने अपनी तैयारियों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है।निर्भया के हत्यारों को फांसी पर लटकाने के लिए एक फरवरी को सुबह छह बजे का वक्त तय हुआ है जिसके लिए फांसी चढ़ाने के लिए पवन जल्लाद तिहाड़ जेल पहुंच गए हैं। मेरठ के रहने वाले पवन जल्लाद अभी फिलहाल तिहाड़ जेल में ही रहेंगे। तिहाड़ जेल के सूत्रों के मुताबिक उन्होंने अभी तिहाड़ जेल में रिपोर्ट की है। दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने से पहले पवन जल्लाद डमी प्रक्रिया को पूरा करेंगे।" alt="" aria-hidden="true" />


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पास मिलने में समय लगने के कारण कुछ देरी हो रही है। वहीं, एक बस ऑपरेटर चरनजीत सिंह ने बताया कि उन्हें परिवहन विभाग से भी पास लेना पड़ रहा है, लेकिन इस प्रक्रिया में भी काफी देरी हो रही है। इस वजह से बसों को समय से छोड़ा नहीं जा सका है। हालांकि अब काफी संख्या में पास जारी किये जा रहे हैं और बसों को छोड़ा जा रहा है।
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